मुंबई : बिल्डर यूसुफ़ लकड़ावाला को लंबे समय से जेजे अस्पताल में एलाज कराने के बाद कल उसे आर्थर रोड जेल भेज दिया गया है हालांकि काफी दिनों से लकड़ावाला जेजे अस्पताल में एडमिट रहने की वजह कैदियों के वार्ड में तो कोई परिंदा भी पर नहीं मार सका लेकिन जब उसे किसी टेस्ट करने के लिए कहीं जाता था तो उस दौरान उसके गुर्गे उस से मिला करता था और मीटिंग भी किया करते थे।
लंबे वक्त तक जेजे में एडमिट होने की वजह से वह जेजे अस्पताल में लकड़ावाला मिटिंग सेटिंग यहीं किया करता था ताकि उसे जल्द से जल्द जेल से बाहर ला सकें लेकिन जेल प्रशासन को जैसे ही भनक लगी उन्हेंने जेल प्रशासन को पत्र लिख कर यह चेताने की कोशिश की कि यूसुफ़ लकड़ावाला को काफी समय से जेजे अस्पताल में कैदियों के वार्ड मे रह चुका है जिसे जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा गया।

सुप्रिटेंडेट जे जे हॉस्पिटल डॉ. संजय सुरासे
चूंकि जेजे अस्पताल में मौजूद डीन चंदनवाले और सुप्रिटेंडेट डॉ. संजय सुरासे ने युसुफ़ लकड़ावाला को राहत दे रखी थी जिसकी वजह से वह कैदियों के वार्ड में लोग उससे न मिलकर उस जगह पर आसानी से मिल लेते थे जहां वह किसी न किसी टेस्ट के बहाने पहुंचता था टूंकि कैदियों के वार्ड पर पहरा ज्यादा होने की वजह से वहां किसी का मिलना संभव नहीं था। सुप्रिटेंडेट डॉ. संजय सुरासे ने ही जानकारी देते हुए कहा है कि उसे काल आर्थर रोड जेल वापस से भेज दिया गया है।
चूंकि आर्थर रोड जेल मे किसी भी तरह की वीआईपी स्वीधा देने से वंचित रखा गया है इसके लिए लकड़ावाला और उसके गुर्गे जी तोड़ कोशिश कर कर रहे लेकिन जेल में किसी भी तरह का जुगाड़ न लगा पाने मे जब उसके गुर्गों को कामयाबी नहीं मिली तो वह उस दौरान सेटिंग करने की कोशिश करने लगे जब उसे जेजे में एडमिट किया गया।
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